The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing
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Tripura Sundari's sort is not merely a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees by symbols to grasp deeper cosmic truths.
Lots of fantastic beings have worshipped areas of Shodashi. The nice sage, Sri Ramakrishna, worshiped Kali all over his entire lifetime, and at its fruits, he compensated homage to Shodashi through his have spouse, Sri Sarada Devi. This illustrates his greatness in looking at the divine in all beings, and particularly his daily life spouse.
सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।
The essence of such rituals lies while in the purity of intention and the depth of devotion. It is not simply the exterior steps but the internal surrender and prayer that invoke the divine presence of Tripura Sundari.
click here श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥
अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे
हस्ताग्रैः शङ्खचक्राद्यखिलजनपरित्राणदक्षायुधानां
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया
वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥
The worship of Goddess Lalita is intricately related While using the pursuit of the two worldly pleasures and spiritual emancipation.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।